आरोन में सनातन धर्म मंडल ट्रस्ट की भूमि : बजरंग दल और विहिप अध्यक्ष ने उठाई आवाज, प्रशासन पर पक्षपात का आरोप

KAMAL KUSHWAH EDITOR IN CHIEF Ksarkari.com
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आरोन, मध्य प्रदेश: सनातन धर्म मंडल ट्रस्ट की भूमि पर एक छोटे से बाजार के आयोजन को लेकर छिड़ा विवाद अब तूल पकड़ रहा है। बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के प्रखंड अध्यक्ष राजेश शर्मा ने इस मुद्दे को सोशल मीडियाआरोन समाचार ग्रुप में उठाते हुए हिंदू समाज से जवाब मांगा है। उन्होंने प्रशासन पर एक विशेष समुदाय के दबाव में काम करने और सनातन धर्म की भूमि के विकास में अवरोध पैदा करने का गंभीर आरोप लगाया है।


विवाद का केंद्र: सनातन धर्म मंडल ट्रस्ट की भूमि

सनातन धर्म मंडल ट्रस्ट की भूमि, जो हिंदू समुदाय की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा मानी जाती है, पर एक गरीब हिंदू व्यक्ति ने सीमित समय के लिए बाजार आयोजित करने की योजना बनाई थी। इस आयोजन के लिए उसने लाखों रुपये खर्च किए, क्योंकि पुलिस प्रशासन और नगर परिषद ने इसकी स्वीकृति दे दी थी। हालांकि, विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, वर्तमान अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) ने कथित तौर पर एक विशेष समुदाय के कुछ लोगों के दबाव में इस बाजार की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। 

बजरंग दल और विहिप की प्रतिक्रिया

बजरंग दल और विहिप के प्रखंड अध्यक्ष राजेश शर्मा ने इस मामले को हिंदू समाज के समक्ष रखते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की। उन्होंने लिखा, "क्या सनातन धर्म मंडल ट्रस्ट की भूमि केवल हिंदुओं की है, या इसमें अन्य धर्मों का हस्तक्षेप है? विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि एसडीएम महोदय एक विशेष समुदाय के दबाव में बाजार की अनुमति नहीं दे रहे, जबकि पुलिस और नगर परिषद ने मंजूरी दे दी है। एक गरीब हिंदू ने इस आयोजन के लिए लाखों रुपये खर्च किए हैं। यदि प्रशासन सनातन भूमि के विकास में अनावश्यक अवरोध पैदा करता है, तो हमें माननीय मुख्यमंत्री महोदय को ज्ञापन सौंपने के लिए सनातनियों को एकजुट करना होगा।"


हिंदू समाज में आक्रोश

राजेश शर्मा की इस पोस्ट ने स्थानीय हिंदू समुदाय में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। कई लोगों ने इसे सनातन धर्म की भूमि पर अनाधिकृत हस्तक्षेप और धार्मिक पक्षपात के रूप में देखा है। सोशल मीडिया पर हिंदू संगठनों और कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे पर एकजुट होने और प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाने की बात कही है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, "यह हमारी आस्था और संस्कृति पर हमला है। प्रशासन को निष्पक्ष होकर फैसला लेना चाहिए।"


आर्थिक नुकसान और सामाजिक अन्याय

इस विवाद का सबसे दुखद पहलू यह है कि बाजार आयोजन की उम्मीद में एक गरीब हिंदू व्यक्ति ने अपनी जमा-पूंजी लगा दी थी। अनुमति में देरी के कारण अब उसे भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। हिंदू समुदाय इसे न केवल धार्मिक हस्तक्षेप, बल्कि सामाजिक अन्याय के रूप में भी देख रहा है। 


प्रशासन पर पक्षपात का आरोप

बजरंग दल और विहिप ने प्रशासन पर पक्षपातपूर्ण रवैये का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जब पुलिस प्रशासन और नगर परिषद ने आयोजन को मंजूरी दे दी है, तो एसडीएम द्वारा अनुमति रोकना संदिग्ध है। राजेश शर्मा ने अपनी पोस्ट में यह भी सवाल उठाया कि क्या सनातन धर्म मंडल ट्रस्ट की भूमि पर अन्य समुदायों का हस्तक्षेप बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, "यह भूमि सनातन धर्म की है, और इसका उपयोग हिंदू समुदाय की उन्नति के लिए होना चाहिए।"


आगे की रणनीति: मुख्यमंत्री को ज्ञापन

राजेश शर्मा ने हिंदू समुदाय से एकजुट होने और इस मुद्दे को माननीय मुख्यमंत्री तक ले जाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन अनाधिकृत दबाव में सनातन भूमि के विकास में अवरोध पैदा करता है, तो सनातनियों को प्रचार-प्रसार के माध्यम से जागरूकता फैलानी होगी। बजरंग दल और विहिप ने इसके लिए एक बड़े आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है, जिसमें मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने की योजना शामिल है।


प्रशासन की चुप्पी

इस मामले पर अनुविभागीय अधिकारी या जिला प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। प्रशासन की यह चुप्पी हिंदू समुदाय के गुस्से को और भड़का रही है। लोग मांग कर रहे हैं कि प्रशासन इस मामले में तत्काल कार्रवाई करे और पारदर्शिता बरते।


**सनातन धर्म की भूमि का स्वामित्व: एक बड़ा सवाल**  

यह विवाद सनातन धर्म मंडल ट्रस्ट की भूमि के स्वामित्व और उपयोग को लेकर गहरे सवाल खड़े कर रहा है। हिंदू समुदाय का मानना है कि यह भूमि उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है, और इस पर सिर्फ सनातनी ही उपयोग कर सकते हैं और इसमें किसी भी तरह का बाहरी हस्तक्षेप अस्वीकार्य है। बजरंग दल और विहिप ने इस मुद्दे को धार्मिक अस्मिता से जोड़ते हुए इसे व्यापक स्तर पर उठाने का फैसला किया है।


आगे क्या?

राजेश शर्मा की सोशल मीडिया पोस्ट के बाद यह मामला अब स्थानीय स्तर से निकलकर व्यापक चर्चा का विषय बन गया है। बजरंग दल और विहिप के नेतृत्व में हिंदू समुदाय इस मुद्दे पर एकजुट हो रहा है। यदि प्रशासन ने जल्द ही इस मामले का समाधान नहीं किया, तो यह विवाद और गहरा सकता है। सनातन धर्म मंडल ट्रस्ट की भूमि पर बाजार आयोजन की अनुमति और इसके स्वामित्व का सवाल अब हिंदू समाज के लिए आस्था और अधिकार का मुद्दा बन गया है।


*नोट: यह खबर विश्वसनीय सूत्रों और सोशल मीडिया पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर तैयार की गई है। प्रशासन या अन्य पक्षों का आधिकारिक बयान उपलब्ध होने पर खबर को अपडेट किया जाएगा।


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