पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ आरोन में विद्यार्थी परिषद का प्रदर्शन

KAMAL KUSHWAH EDITOR IN CHIEF Ksarkari.com
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 आरोन/जम्मू-कश्मीर, 24 अप्रैल 2025: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, के खिलाफ देशभर में गुस्सा और आक्रोश देखा जा रहा है। कश्मीर घाटी में अभूतपूर्व बंद और जनआंदोलन के साथ-साथ मध्य प्रदेश के आरोन में विद्यार्थी परिषद ने दास हनुमान मंदिर में विरोध प्रदर्शन कर आतंकवाद की निंदा की और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। 



कश्मीर में 35 साल बाद बंद, जनता सड़कों पर

पहलगाम के बैंसरण मीडोज में हुए इस आतंकी हमले की निंदा में कश्मीर घाटी में 35 साल बाद पूर्ण बंद देखा गया। स्कूल, कॉलेज, बाजार और निजी संस्थान बंद रहे। नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और अपनि पार्टी सहित कई राजनीतिक दलों ने इस बंद का समर्थन किया। श्रीनगर के लाल चौक पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन किया, जिसमें "यह हमला हम सब पर है" और "निर्दोषों की हत्या बंद करो" जैसे नारे लगाए गए। मस्जिदों से भी बंद में शामिल होने की अपील की गई, और युवा सड़कों पर उतरकर आतंकवाद के खिलाफ नारेबाजी करते देखे गए। 



कश्मीर ट्रेडर्स एंड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (केटीएमए) के महासचिव बशीर अहमद ने कहा, "यह घटना इंसानियत की हत्या है। हम इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।" स्थानीय निवासी अशिक हुसैन ने कहा, "पर्यटन अपने चरम पर था, लेकिन इस हमले ने कश्मीर की छवि को धूमिल किया है।

आरोन में विद्यार्थी परिषद का प्रदर्शन

मध्य प्रदेश के आरोन में विद्यार्थी परिषद ने दास हनुमान मंदिर में एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया। इस दौरान आतंकवाद का पुतला दहन किया गया और पहलगाम हमले में शहीद हुए 26 लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। प्रदर्शन में शामिल युवाओं ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई और केंद्र सरकार से अपराधियों को कड़ी सजा देने की मांग की। परिषद के एक सदस्य ने कहा, "यह हमला न केवल पर्यटकों पर, बल्कि देश की एकता और शांति पर हमला है। हम शहीदों के बलिदान को सलाम करते हैं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हैं।"



**राष्ट्रीय स्तर पर निंदा, सख्त कार्रवाई की मांग**  

पहलगाम हमले की गूंज पूरे देश में सुनाई दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का दौरा छोटा कर दिल्ली लौटकर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और कहा, "इस जघन्य कृत्य के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।" केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर में शहीदों को श्रद्धांजलि दी और हमले के पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात की। [](

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), बजरंग दल, और भारतीय जनता युवा मोर्चा जैसे संगठनों ने जम्मू में प्रदर्शन किए, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी और झंडा जलाने की घटनाएं हुईं। राष्ट्रीय बजरंग दल के अध्यक्ष राकेश कुमार ने इसे "हिंदुओं पर लक्षित हमला" करार देते हुए अमरनाथ यात्रा से पहले भय का माहौल बनाने की साजिश बताया।


**आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली जिम्मेदारी**  

हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तीन पाकिस्तानी आतंकियों- आसिफ फौजी, सुलेमान शाह, और अबू ताल्हा-के स्केच जारी किए हैं। खुफिया सूत्रों के अनुसार, हमले में दो कश्मीरी आतंकी, आदिल गुरी और अहसन, भी शामिल थे, जो 2018 में पाकिस्तान गए थे। 

पर्यटन पर असर, सुरक्षा बढ़ाई गई

यह हमला कश्मीर के पर्यटन उद्योग के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। क्लियरट्रिप के अनुसार, हमले के बाद फ्लाइट कैंसिलेशन में सात गुना वृद्धि हुई और भविष्य की बुकिंग में 40% की कमी आई। सुरक्षा बलों ने घाटी में चौकसी बढ़ा दी है, और बैसरण क्षेत्र में तलाशी अभियान जारी है।


देश एकजुट, शहीदों को श्रद्धांजलि

पहलगाम हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। कश्मीर से लेकर आरोन तक, लोग शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस हमले की निंदा करते हुए इसे "मानवता पर हमला" करार दिया। कश्मीर के होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष जावेद बुरजा ने कहा, "ये लोग न तो राजनीति से जुड़े थे और न ही आतंकवाद से। वे सिर्फ कश्मीर की खूबसूरती देखने आए थे। यह हमला हमारी शर्मिंदगी है।

मिथुन शर्मा की रिपोर्ट 

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