जंगली जानवर का आतंक: सेमरा चांच, डगराई और आसपास के गांवों में दहशत, कई लोग घायल:आरोन

KAMAL KUSHWAH EDITOR IN CHIEF Ksarkari.com
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आरोंन:सेमरा चांच, डगराई और आसपास के गांवों में पिछले कुछ दिनों से जंगली जानवर का आतंक छाया हुआ है। इस अज्ञात जंगली जानवर के हमलों ने ग्रामीणों में खौफ पैदा कर दिया है। कई लोग इस जानवर के काटने से गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं, जिनका इलाज सिविल अस्पताल और जिला अस्पताल में चल रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग इस मामले में गहरी नींद में सोया हुआ है और कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।  



ग्रामीणों में बढ़ता खौफ  

स्थानीय लोगों के अनुसार, यह जंगली जानवर आता है और अचानक हमला कर देता है। इसके काटने से न सिर्फ लोग घायल हुए हैं, बल्कि पशुओं को भी नुकसान पहुंचा है। 


 घायलों की स्थिति  

जानकारी के मुताबिक, अब तक इस जानवर के हमले में कम से कम 6 लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। घायलों को तुरंत नजदीकी सिविल अस्पताल ले जाया गया,  डॉक्टरों का कहना है कि जख्मों पर गहरे दांतों के निशान हैं, जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह कोई बड़ा मांसाहारी जानवर हो सकता है।  


 वन विभाग पर उठ रहे सवाल  

ग्रामीणों का गुस्सा वन विभाग के खिलाफ बढ़ता जा रहा है। उनका कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। एक ग्रामीण महिला शांति देवी ने कहा, "हमने वन विभाग को कई बार सूचना दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। क्या हमें मरने के लिए छोड़ दिया गया है?" ग्रामीणों ने मांग की है कि इस जानवर को जल्द से जल्द पकड़ा जाए या इसका आतंक खत्म करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।  


 जानवर की पहचान अभी तक नहीं  

यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह जंगली जानवर कौन सा है। कुछ ग्रामीण इसे तेंदुआ बता रहे हैं, तो कुछ का मानना है कि यह कोई भेड़िया या लकड़बग्घा हो सकता है। पैरों के निशान और हमले के तरीके को देखते हुए विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक शिकारी जानवर है, जो अकेले या झुंड में हमला कर रहा है। हालांकि, वन विभाग की ओर से इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।  


 प्रशासन की चुप्पी  

स्थानीय प्रशासन और वन विभाग की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।  


आगे क्या?  

फिलहाल, सेमरा चांच, डगराई और आसपास के गांवों में रात होते ही सन्नाटा छा जाता है। लोग अपने घरों में कैद होने को मजबूर हैं। इस जंगली जानवर के आतंक ने न सिर्फ उनकी दिनचर्या प्रभावित की है, बल्कि उनकी जान पर भी खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीण अब प्रशासन और वन विभाग से त्वरित कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि वे फिर से निश्चिंत होकर अपने जीवन को सामान्य बना सकें।  


**मिथुन शर्मा, पत्रकार, आरोंन**  

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