खंडवा, 3 अप्रैल: खंडवा जिले के छैगांव माखन तहसील के कोंडावत गांव में गुरुवार शाम को गणगौर विसर्जन के दौरान एक दर्दनाक हादसा हो गया। गणगौर माता की प्रतिमा विसर्जित करने के लिए कुएं में उतरे आठ लोगों की जहरीली गैस के कारण मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार, गांव में गणगौर उत्सव मनाया जा रहा था। विसर्जन के लिए ग्रामीण कोंडावत गांव के एक पुराने कुएं की सफाई करने उतरे थे। बताया जा रहा है कि कुएं में मीथेन गैस जमा हो गई थी। जैसे ही लोग कुएं में उतरे, वे जहरीली गैस की चपेट में आ गए और दम घुटने से उनकी मौत हो गई।
मरने वालों में गांव के पूर्व सरपंच मोहन (55), अनिल पटेल (30), शरण सुखराम (30), अर्जुन (35), गजानंद (25), बलिराम (36), राकेश (22) और अजय (25) शामिल हैं।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया। सभी आठ शवों को कुएं से बाहर निकाल लिया गया है और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
इस दुखद घटना पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि "खंडवा जिले के अंतर्गत छैगांवमाखन क्षेत्र के कोंडावत गांव में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में गणगौर विसर्जन के लिए कुएं की सफाई हेतु उतरे एक व्यक्ति के दलदल में फंसने पर बचाने के प्रयास में एक के बाद एक कुएं में उतरे अन्य सात व्यक्ति भी अंदर फंस गए, कुएं में जहरीली गैस से दम घुटने के कारण सभी की मृत्यु अत्यंत दुखद है। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें।"
खंडवा के जिलाधिकारी ऋषव गुप्ता और पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार राय ने बताया कि घटना की विस्तृत जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि कुएं में लंबे समय से पानी नहीं होने के कारण मीथेन गैस बन गई थी।
इस घटना से पूरे गांव में शोक का माहौल है। ग्रामीणों ने बताया कि यह कुआं वर्षों से गणगौर विसर्जन के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है, लेकिन इस बार यह हादसा हो गया। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे कुओं और अन्य जलाशयों की सफाई करते समय सावधानी
बरतें।