गौरव शर्मा
गुना जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जो प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है। एक एंबुलेंस, जो मरीजों की जान बचाने के लिए होती है, यहाँ सड़क किनारे तरबूज बेचने की मंडी बन गई है। जी हाँ, उत्तर प्रदेश से आई इस एंबुलेंस का दुरुपयोग अब सबके सामने है।
संकेतात्मक तस्वीरसूत्रों की मानें तो यह एंबुलेंस यूपी से सीधे गुना पहुँची। यहाँ एक स्थानीय आड़त संचालक ने इसे तरबूज ढोने और बेचने के लिए इस्तेमाल किया। हालात तब और हैरानी भरे हो गए, जब इसे पीले तिरपाल से ढककर मंडी में खड़ा किया गया, ताकि कोई शक न करे। लेकिन सच छिप नहीं सका।
सवाल यह है कि क्या सरकारी एंबुलेंस का ऐसा खुला दुरुपयोग बिना किसी मिलीभगत के मुमकिन है? आखिर किन अधिकारियों की नाक के नीचे यह घोटाला चल रहा था? जब मरीजों को एंबुलेंस नहीं मिलती, तब प्रशासन खामोश रहता है, और अब जब इसका व्यावसायिक इस्तेमाल हो रहा है, तब भी कोई कार्रवाई नज़र नहीं आ रही।
गुना से गौरव शर्मा की यह रिपोर्ट एक गंभीर सवाल छोड़ रही है - क्या हमारी व्यवस्था में जवाबदेही नाम की चीज़ बची है? खैर, अब नज़रें प्रशासन के अगले कदम पर टिकी हैं।
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