गुना मिथुन शर्मा नामक एक युवा जिसने आरोंन नगर के एक ग़रीब ब्राह्मण परिवार में जन्म लिया जिनके पिता एक सेठ के यहाँ मुनीम का कार्य करते थे मिथुन के परिवार में पिता राजेंद्र प्रसाद शर्मा माता भगवती शर्मा, व दो बड़ी बहने पिंकी,पलक दो छोटी बहन कामनी,दुर्गेश व एक छोटा भाई गौरव शर्मा है पिता ने सभी बच्चों को प्राथमिक शिक्षा हेतु नगर के एक बड़े स्कूल में दाख़िला कराया।
समय बीतता गया बात 2009 की है अचानक से मिथुन के पिताजी को टीवी बीमारी हो गई इसके बाद मिथुन के पिता को गुना सरकारी अस्पताल में भर्ती करना पड़ा जब मिथुन के पिता को गुना ले जा रहे थे तब मिथुन के पास किराए तक के पैसे नहीं थे खेर हिम्मत ना हारते हुए मिथुन पीछे नहीं हटा और आगे बढ़ता गया पिता के इलाज के लिए मिथुन ने हॉस्पिटल के बाहर भीख तक माँगी है मिथुन के पिता को ब्लड की ज़रूरत लगी तो किसी ने ब्लड तक नहीं दिया हर जगह से हतास मिथुन ने उसी दिन क़सम खाई के आज के बाद कोई ब्लड की कमी के लिये जूझेगा नहीं और तब से अभी तक मिथुन ख़ुद जिले सहित प्रदेश में 18 यूनिट रक्तदान कर चुके है एवं अपनी टीम के माध्यम से गुना जिला सहित मध्य प्रदेश में अभी तक 2867 यूनिट रक्तदान कर हज़ारों लोगो की जान बचा चुके टीवी बीमारी के कारण पिता की नौकरी छूट गई सभी बच्चों को फ़ीस के अभाव से स्कूल से निकाल दिया गया एवं 2009 में मिथुन मात्र 10 साल की उम्र का था और मिथुन के कंधों पर घर की ज़िम्मेदारी बड़ गई मिथुन ने जैसे तैसे एक सरकारी स्कूल में अपना एडमिशन कराया और पिताजी के इलाज एवं घर का खर्च हेतु मिथुन ने एक छोटी सी किराने की दुकान खोल ली इसके बाद दुकान से खर्च नहीं चला तो मिथुन ने ईट भट्टे पर मज़दूरी की इसके बाद टिकिया के ठैला पर मज़दूरी की एवं नौबत यहाँ तक आ गई के मिथुन को कबाड़ा तक बिनना पड़ा क्योकि घर के हालात काफ़ी ख़राब हो चुके थे टूटी फूटी झोपड़ी में गुजरा तो चल रहा था पर कभी मसाले तो कभी आटे की कमी मिथुन को सताती थी धीरे धीरे मिथुन ने 8वी क्लास पास की उसके बाद 2012 में मिथुन की मुलाक़ात नगर के समाजसेवी गोविंद प्रसाद शर्मा से हुई उनकी कंप्यूटर की शॉप थी उन्होंने मिथुन को 30₹ रोज़ में रख लिया मिथुन वहाँ से अपनी पढ़ाई भी करता गया एवं कंप्यूटर के विषय में जानकारी जुटाता गया चुकी गोविंद शर्मा एक पत्रकार भी थे तो मिथुन भी उनके साथ पत्रकारिता में कदम रखने लगा धीरे धीरे मिथुन ने पत्रकारिता में अपनी पहचान बनाई और विभिन्न समाचार न्यूज़ की सस्थाओं से जुड़कर नगर में अपनी एक अलग पहचान बना ली मिथुन बचपन से ही दया भाव से जुड़े रहे है तो गऊ सेवा में रुचि रखते थे
मिथुन ने एक व्हाट्सअप ग्रुप का निर्माण 2018 में किया जिसका नाम रखा गया जनसेवा टीम तब मात्र चार पाँच लोग नगर कि घायल गायों के पट्टी बग़ैरा बांधकर उनका उपचार करते थे और ऐसे ही ये कार्य चलता गया और टीम आगे बड़ती गई इसके बाद बात कोरोंना काल की है जब इस महामारी में लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे थे बड़े बड़े लोगो के घर भी खाने के लाले पड़ रहे थे तब मिथुन और नगर के कुछ युवाओं ने मिलकर एक प्लान बनाया की नगर में कुछ अलग किया जाये और सबके घर ख़ाना पहुँचाया जाये ऐसे ही उन युवाओं के साथ मिलकर मिथुन ने पूरे कोरोना काल निजी खर्चे पर नगर के 500 परिवारों को प्रतिदिन भोजन कराने का लक्ष्य बनाया सारे युवा कोरोना में सुबह पाँच बजे से ख़ाना बनाते एवं 12 बजे सारे नगर में ख़ाना वितरण करते ऐसे मिथुन की छवि बनती गई और मिथुन को लोग एक अलग नज़र से देखने लगे।
मिथुन सड़क हादसे में घायल सैकड़ों लोगो को बचपन से ही बचाते आया है जहां कहीं भी सड़क हादसों में घायल व्यक्ति दिखाई दिया मिथुन बिना कुछ सोचे अपनी बाइक पर बैठकर हॉस्पिटल पहुँचाया है धीरे धीरे जनसेवा ग्रुप में मिथुन के सेवा कार्य को देखकर युवा जुड़ते गये और टीम बड़ती गई मिथुन ने अभी तक ना केवल सड़क हादसों में घायलों को बचाया बल्कि मिथुन ने हज़ारों जीवजंतु जानवर पशुओं का गहरे कुएँ से रेस्क्यू किया उपचार किया और उनको सही सुरक्षित जगह छोड़ा है
मिथुन के साथ टीम जनसेवा में हज़ारों युवा पूरे गुना ज़िले में समाजसेवा गऊ सेवा का कार्य कर रहे है चाहे वो गुना शहर हो आरोंन नगर हो बरखेड़ा हाट,खिरियादाँगी,तिल्लीखेड़ा,कालादेव आदि में हज़ारों युवा एक व्हाट्सअप ग्रुप के माध्यम से सेवा कार्य कर रहे है
(गुना के लेखक की कलम से)
इन सब जनसेवा कार्यों के चलते मिथुन को आज इतनी भी फुरसत नहीं होती कि चार पैसे कमा अपनी परिवार को जीवन यापन में अपना हाथ बंटा सके क्या दिन क्या रात कब किसका फोन आ जाए कब किसे जरूरत पड़ जाए उसी समय दोस्त दुश्मन में बिना मतभेद किए दौड़ लगा देता है घर में भाई बहन अब बड़े हो चले हैं जिनका विवाह भी उचित समय पर करना है लेकिन मिथुन अपनी सभी चिंता परेशानियों को अपने तक ही सीमित रख किसी के सामने खुद का दुखड़ा नहीं सुनाता अगर हम किसी का हाल पूछ लें तो आदमी अपनी तमाम परेशानियों को आपके सामने भजना शुरू कर देगा लेकिन मिथुन सिर्फ जैसे दूसरों की मदद करना ही जानता है
(ऐसे में Ksarkari प्लेटफॉर्म अपनी ओर से अपने स्तर पर एक शुरुआत करने जा रहा है जिसमें समाजसेवी मिथुन की छोटी बहन को प्रधानमंत्री NPS के तहत एक खाता प्रदान किया जाएगा इसके अतिरिक्त बिटिया को विवाह हेतु सहायता राशि की भी व्यवस्था अपने स्तर पर और अन्य समाज सेवियों की सहायता से करने का प्रयास प्राथमिकता से किया जाएगा ताकि बिटिया को भी लगे कि सिर्फ मिथुन नहीं नगर,जिला,और प्रदेश में अनेक भाई हैं अभी जो उसके लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देंगे
आप और आपकी टीम ये न सोचें कि सिर्फ मिथुन की बहन को ही NPS अकाउंट उपहार स्वरूप दिया जाएगा बल्कि पूरी टीम में जितने भी सदस्यों की बहनें होंगी उन सभी बहनों को ये खाता उपहार स्वरूप हमारी ओर से ही खोलकर दिया जाएगा
इस सबका प्रबंध हम अपनी ओर से करेंगे 🙏🙏🙏
| उपरोक्त गुलाबी शब्दों को Ksarkari प्लेटफॉर्म ने अपनी ओर से प्रकाशित किया है)
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